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पाकिस्तान में अनोखी शादी: 6 भाइयों और 6 बहनों ने एक साथ किया निकाह!

शादियों में दिखावे और भारी खर्च के इस दौर में, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से एक सादगी भरी और प्रेरणादायक खबर सामने आई है। यहां एक ही परिवार के छह भाइयों और छह बहनों ने एक साथ सामूहिक विवाह कर समाज को नई दिशा देने का प्रयास किया है।


सादगी और एकता की मिसाल 💒✨

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक ही परिवार के 6 भाइयों और 6 बहनों ने एक ही सामूहिक शादी समारोह में निकाह किया। इस अनूठे विवाह समारोह में 100 से ज्यादा मेहमानों की उपस्थिति रही, लेकिन भव्यता और खर्चीली रस्मों को त्यागकर सादगी और विनम्रता को प्राथमिकता दी गई

🔸 सबसे छोटा भाई बालिग होने का किया इंतजार:

  • सभी भाइयों की शादी एक साथ करने की योजना पहले से थी।
  • लेकिन परिवार ने इंतजार किया जब तक सबसे छोटा भाई बालिग नहीं हो गया

🔸 कोई दहेज नहीं लिया गया:

  • शादी में किसी भी दुल्हन के परिवार से दहेज लेने से इनकार किया गया
  • यह कदम समाज में बढ़ती दहेज प्रथा के खिलाफ एक बड़ी मिसाल बना।

📢 यह आयोजन केवल छह जोड़ों के मिलन का जश्न नहीं था, बल्कि समाज को एक गहरा संदेश देने का माध्यम भी बना।


भव्य शादियों की परंपराओं को चुनौती 🎭❌

📌 इस अनोखी शादी में धन-दौलत और दिखावे से दूर रहकर यह साबित किया गया कि विवाह को आसान और किफायती बनाया जा सकता है।

6 भाइयों में सबसे बड़े भाई ने कहा:
“हमने देखा है कि लोग अक्सर शादी के खर्चों के लिए अपनी जमीन बेच देते हैं या फिर कर्ज लेते हैं। हमने साबित किया कि शादी को बिना आर्थिक बोझ डाले भी खुशी से मनाया जा सकता है।”

📢 यह शादी उन लोगों के लिए प्रेरणा बनी, जो समाज के दबाव में आकर अनावश्यक रूप से विवाह पर लाखों रुपये खर्च कर देते हैं।

🔹 महज ₹30,000 में संपन्न हुआ पूरा विवाह समारोह!

  • इस सामूहिक विवाह में कुल 1 लाख पाकिस्तानी रुपये (लगभग ₹30,000 भारतीय रुपये) खर्च हुए
  • जबकि आमतौर पर शादियों में लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं।
  • इतनी कम लागत में शादी का सफल आयोजन करना दिखावे की संस्कृति के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जा रही है।

दहेज और भौतिकवाद को किया खारिज 🏡❌

📌 इस विवाह समारोह ने एक मजबूत सामाजिक संदेश दिया – शादी प्रेम और एकता का प्रतीक होनी चाहिए, न कि आर्थिक दबाव और दिखावे का माध्यम

दुल्हनों के परिवार से किसी भी प्रकार का दहेज नहीं लिया गया।
सादगी भरे समारोह में रिश्तों को प्राथमिकता दी गई।
यह साबित किया कि शादी में धन-दौलत से ज्यादा मानवीय मूल्य महत्वपूर्ण होते हैं।

📢 इस शादी से यह संदेश गया कि अगर समाज चाहे तो विवाह को अनावश्यक खर्च और दहेज जैसी कुप्रथाओं से मुक्त कर सकता है।


समाज के लिए एक नई राह दिखाने वाली शादी 🚀💡

📌 इस अनोखी शादी के कई सकारात्मक पहलू सामने आए:

समाज में फिजूलखर्ची और कर्ज लेकर शादी करने की परंपरा को चुनौती दी गई।
दहेज जैसी कुप्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया गया।
शादी में सादगी और आत्म-सम्मान को बढ़ावा दिया गया।
कम लागत में भी भव्यता के बिना विवाह को सफल बनाया जा सकता है, यह साबित हुआ।

📢 यह विवाह समारोह समाज को एक नई दिशा देने का काम करेगा, जिससे अन्य लोग भी प्रेरणा ले सकते हैं।

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