हरियाणा में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ सकती हैं
हरियाणा में स्कूलों की छुट्टियां बढ़ सकती हैं: हरियाणा में सर्दियों की छुट्टियां 15 जनवरी तक घोषित की गई थीं, लेकिन हाल ही में मौसम ने करवट ली है और ठंड बढ़ गई है। ऐसे में राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों की छुट्टियां आगे बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
कड़ाके की ठंड और स्कूलों की स्थिति 🏫❄️
हरियाणा के कई जिलों में ठंड ने अब रफ्तार पकड़ ली है। पिछले कुछ दिनों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे छोटे बच्चों के लिए स्कूल जाना मुश्किल हो सकता है।
प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर का असर भी देखा जा रहा है, खासकर अंबाला, करनाल, हिसार, रोहतक और भिवानी में तापमान काफी कम हो गया है।
जिला उपायुक्त ले सकते हैं बड़ा फैसला 🤝
सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा सरकार स्कूलों की छुट्टियां बढ़ाने का निर्णय जिला स्तर पर उपायुक्तों को सौंप सकती है।
- प्रत्येक जिले के उपायुक्त अपने क्षेत्र के मौसम को देखते हुए निर्णय लेंगे।
- यदि किसी जिले में ठंड अधिक है, तो वहां छुट्टियां बढ़ सकती हैं।
- यदि मौसम सामान्य रहता है, तो स्कूल पहले से तय तारीख पर खुल सकते हैं।
स्कूलों की छुट्टियों पर संभावित निर्णय 📅
नीचे संभावित निर्णयों को तालिका में दिखाया गया है:
जिला | संभावित निर्णय |
---|---|
अंबाला | छुट्टियां बढ़ सकती हैं |
करनाल | छुट्टियां बढ़ सकती हैं |
हिसार | निर्णय उपायुक्त लेंगे |
रोहतक | छुट्टियां बढ़ सकती हैं |
भिवानी | निर्णय उपायुक्त लेंगे |
बच्चों और अभिभावकों की चिंता 🤔
कड़ाके की ठंड को देखते हुए बच्चों और अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।
- छोटे बच्चों को सुबह के समय ठंड में स्कूल भेजना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- अभिभावकों की मांग है कि स्कूलों की छुट्टियां कुछ दिन और बढ़ाई जाएं।
- सर्दी के कारण कई बच्चों की सेहत पर असर पड़ सकता है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान 🌨️
हरियाणा में अगले कुछ दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार:
- अगले सप्ताह हल्की बारिश की संभावना है।
- न्यूनतम तापमान 4-6 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
- घने कोहरे के कारण यातायात और स्कूल जाने में दिक्कत हो सकती है।
सरकार का आधिकारिक बयान 📢
हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है।
राज्य सरकार का कहना है कि:
यदि ठंड ज्यादा होती है, तो छुट्टियां बढ़ सकती हैं।
बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता है।
जिला उपायुक्तों को निर्णय लेने की स्वतंत्रता दी जा सकती है।