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PM Vishwakarma Yojana 2.0: 2025 के नए आवेदन शुरू हुए

PM Vishwakarma Yojana 2.0: भारत सरकार हमेशा उन लोगों के लाभ के लिए योजनाएं चलाती है जो देश की सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कला के स्तंभ हैं। इसी उद्देश्य से PM विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया गया है, जो पारंपरिक कारीगरों को वित्तीय सहायता और कौशल विकास के अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई है, ताकि वे अपने हुनर को और बेहतर बना सकें।

यह योजना न केवल इन कारीगरों को सशक्त बनाती है, बल्कि उन्हें आधुनिक आर्थिक व्यवस्था में भी प्रासंगिक बनाए रखने में मदद करती है। सरकार ने इस योजना के लिए पात्रता सूची जारी की है ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। तो यदि आप एक कुशल कारीगर हैं, तो यहां आपको PM विश्वकर्मा योजना से जुड़ी सभी जानकारी मिल जाएगी।

Table of Contents

PM विश्वकर्मा योजना क्या है? 🛠️

PM विश्वकर्मा योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है। यह पहल उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो पारंपरिक व्यवसायों में काम करते हैं, जैसे कुम्हार, लोहार, बढ़ई, धोबी आदि।

यह योजना पारंपरिक कला और शिल्प को बढ़ावा देने के साथ-साथ कारीगरों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराती है, ताकि वे अपने व्यवसायों में प्रगति कर सकें और बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकें।

PM विश्वकर्मा योजना के लाभ 💰

PM विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों को कई प्रकार की वित्तीय सहायता प्राप्त होती है, जैसे:

लाभविवरण
प्रशिक्षण भत्ताइस योजना के तहत पात्र कारीगरों को प्रशिक्षण के दौरान ₹500 प्रति दिन भत्ता दिया जाता है।
टूलकिट अनुदानयोजना से जुड़ने के बाद कारीगरों को ₹15,000 का अनुदान दिया जाता है, ताकि वे अपने व्यवसाय के लिए आवश्यक उपकरण खरीद सकें।
कौशल विकासकारीगरों को विभिन्न पारंपरिक क्षेत्रों में कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी दक्षता में वृद्धि होगी।

यह सभी लाभ कारीगरों को अपने व्यवसाय में उन्नति और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए दिए जाते हैं।

कौन-कौन PM विश्वकर्मा योजना के लिए पात्र है? 👩‍🏭

इस योजना का लाभ वे लोग उठा सकते हैं, जो निम्नलिखित पारंपरिक व्यवसायों में काम करते हैं:

  • ताला बनाने वाले (Tala Making)
  • नाव बनाने वाले (Nauka Nirman)
  • धोबी और दर्जी (Dhobi aur Darzi)
  • पत्थर तराशने वाले (Pathar Tarashna)
  • पत्थर तोड़ने वाले (Pathar Todna)
  • हथौड़ा और टूलकिट बनाने वाले (Haathoda aur Toolkit Banane Wale)
  • सुनार (Sunaars)
  • मूर्ति शिल्पकार (Murti Kar)
  • राजमिस्त्री (Raj Mistri)
  • गुडिया और खिलौने बनाने वाले (Gudiya aur Khilone Banane Wale)
  • टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले (Tokri/Chatai/Jhadu Banane Wale)
  • लोहार (Lohar)
  • नाई (Nai)
  • हथियार बनाने वाले (Hathiyaar Banane Wale)
  • माला बनाने वाले (Mala Banane Wale)
  • मochi/जूते बनाने वाले (Mochi/Jute Banane Wale)
  • मछली पकड़ने के जाल बनाने वाले (Machhli Pakadne Ke Jaal Banane Wale)

यदि आप इन में से किसी भी क्षेत्र में काम करते हैं, तो आप इस योजना के लिए पात्र हैं।

PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें? 📝

PM विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन करने के लिए पात्र कारीगरों को योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। यहां आपको आवेदन करने, प्रशिक्षण में शामिल होने और वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए सरल निर्देश मिलेंगे।

अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक सरकार पोर्टल पर जा सकते हैं, जहां योजना से संबंधित सभी अद्यतित जानकारी उपलब्ध होगी।

PM विश्वकर्मा योजना का महत्व 🌟

यह योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें अपने कौशल को न केवल बढ़ाने का मौका देती है, बल्कि उन्हें आधुनिक युग में प्रासंगिक बनाए रखती है। इस योजना के तहत मिल रही सहायता से कारीगर अपने व्यवसाय में उन्नति कर सकते हैं और अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

यह योजना कारीगरों को नए उपकरण खरीदने और कौशल में सुधार करने का अवसर प्रदान करती है, जिससे वे अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकते हैं और अपने व्यवसाय को स्थिर बना सकते हैं।

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