Haryana

हरियाणा में निकाय चुनाव: EVM पर कांग्रेस की मांग खारिज, चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान 📢

हरियाणा में निकाय चुनाव से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। कांग्रेस ने राज्य चुनाव आयुक्त से ईवीएम (EVM) की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की मांग की थी, लेकिन इस मांग को खारिज कर दिया गया है। राज्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित है और आगामी सभी चुनाव ईवीएम से ही करवाए जाएंगे। निकाय संस्थाओं में भी चुनाव ईवीएम से ही होंगे।

🔍 कांग्रेस की मांग: बैलेट पेपर से चुनाव कराने की अपील

कांग्रेस ने हाल ही में राज्य चुनाव आयुक्त से निवेदन किया था कि हरियाणा में निकाय चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से कराए जाएं। उनकी दलील थी कि ईवीएम में संभावित तकनीकी खामियों और छेड़छाड़ के कारण चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते। कांग्रेस ने यह भी कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव करवाने से जनता का विश्वास चुनाव प्रक्रिया में और बढ़ेगा।

🛡️ चुनाव आयुक्त का बयान: ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित

राज्य चुनाव आयुक्त ने कांग्रेस की इस मांग को सख्ती से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित और भरोसेमंद है। चुनाव आयोग ने इसके सुरक्षा मानकों की बार-बार जांच की है और इसमें किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ संभव नहीं है।” चुनाव आयुक्त ने यह भी स्पष्ट किया कि निकाय चुनाव सहित सभी चुनाव ईवीएम के माध्यम से ही करवाए जाएंगे।

📊 EVM vs. बैलेट पेपर: एक नज़र

मुद्दाEVMबैलेट पेपर
सुरक्षाउच्च सुरक्षा, तकनीकी खामियों से मुक्तकम सुरक्षा, धोखाधड़ी की संभावना
परिणाम समयत्वरित परिणामपरिणाम आने में देरी
खर्चकम लागत, दीर्घकालिक उपयोगअधिक लागत, कागज और प्रिंटिंग की जरूरत
पर्यावरणीय प्रभावपर्यावरण के अनुकूलकागज की बर्बादी, पर्यावरण पर प्रभाव

📅 आगामी चुनाव: ईवीएम से चुनाव की योजना

राज्य चुनाव आयोग ने आदेश दिया है कि आगामी निकाय चुनाव ईवीएम के माध्यम से ही कराए जाएंगे। इससे चुनाव प्रक्रिया त्वरित और पारदर्शी होगी। चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि ईवीएम की सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए।

🔧 सुरक्षा और पारदर्शिता के उपाय

चुनाव आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कई उपाय किए हैं। इनमें सुरक्षा मानकों की नियमित जांच, तकनीकी निरीक्षण और विभिन्न सुरक्षा प्रोटोकॉल शामिल हैं। चुनाव आयोग का मानना है कि ईवीएम से चुनाव करवाने से न केवल परिणाम शीघ्रता से आते हैं, बल्कि प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी होती है।

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