हरियाणा के स्कूली बच्चों को मिलेगी ये खास सुविधा
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब मिड-डे मील को अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की गई है। स्कूलों में किचन गार्डन तैयार कर सब्जियां उगाने की योजना बनाई गई है। जहां जगह की कमी होगी, वहां छत पर गमलों और पॉली बैग में सब्जियां उगाई जाएंगी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मिड-डे मील के पौष्टिक स्तर को बढ़ाना है। हरी सब्जियों का इस्तेमाल बच्चों के भोजन में किया जाएगा, जिससे पोषण स्तर में सुधार होगा।
किचन गार्डन योजना के निर्देश 📜
बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (BSA) को निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश सुनिश्चित करते हैं कि मिड-डे मील मेन्यू के अनुसार ही भोजन तैयार किया जाए।
निर्देश | विवरण |
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किचन गार्डन | स्कूल में हरी सब्जियां उगाई जाएंगी। |
छत का उपयोग | जगह की कमी होने पर छत पर गमलों का इस्तेमाल। |
मिड-डे मील मेन्यू पालन | मेन्यू के अनुसार भोजन बनाना अनिवार्य। |
विभागीय कार्रवाई का प्रावधान | निर्देशों का पालन न करने पर कार्रवाई। |
स्वच्छता पर विशेष ध्यान 🧹
किचन गार्डन के साथ-साथ किचन की स्वच्छता और राशन के रखरखाव पर भी विशेष जोर दिया गया है।
- किचन में मकड़ी, जाले और चूहों की कोई मौजूदगी नहीं होनी चाहिए।
- सभी कुक और हेल्पर यूनिफॉर्म में रहेंगे।
- अनाज और सूखे दूध की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
- किसी प्रकार की लापरवाही पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
मिड-डे मील का रिकॉर्ड और निरीक्षण 📋
बेसिक शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि:
- मिड-डे मील का पूरा रिकॉर्ड रजिस्टर और ऑनलाइन पोर्टल पर अद्यतन होना चाहिए।
- रजिस्टर और ऑनलाइन रिकॉर्ड में विद्यार्थियों की संख्या में मेल होना अनिवार्य है।
- निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर स्कूल प्रधान और मिड-डे मील प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
योजना का संभावित प्रभाव 🌟
इस पहल के माध्यम से न केवल मिड-डे मील के पोषण स्तर में सुधार होगा, बल्कि:
- छात्रों की सेहत पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- स्कूलों में स्वच्छता और व्यवस्था में सुधार होगा।
- पर्यावरण-अनुकूल पहल से बच्चों को खेती और स्वच्छता के महत्व का भी ज्ञान मिलेगा।