Haryana

हरियाणा में पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों का अल्टीमेटम: भुगतान न मिलने पर काम रोकने की चेतावनी

हरियाणा में पीडब्ल्यूडी (भवन एवं सडक़ें) ठेकेदारों ने राज्य सरकार को लंबित भुगतान के लिए 31 जनवरी 2025 तक का समय दिया है। अगर इस समयसीमा तक उनके 500 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान नहीं हुआ, तो उन्होंने काम बंद करने की धमकी दी है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों ने भी आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज रोकने का ऐलान किया है।


ठेकेदारों का बड़ा ऐलान 🚨

शनिवार को पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों का एक प्रतिनिधिमंडल चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिला। एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक जैन के नेतृत्व में ठेकेदारों ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि उनका लगभग 500 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है।

  • ठेकेदारों ने बताया कि उन्होंने बिल सरकार को सौंप दिए हैं।
  • भुगतान में लगातार देरी हो रही है, जिससे उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
  • उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो राज्यभर में सभी परियोजनाओं का कार्य रोक दिया जाएगा।

निजी अस्पतालों की भी चेतावनी 🏥

पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों के साथ ही निजी अस्पतालों ने भी अपने बकाया भुगतान को लेकर नाराजगी जताई है।

  • आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों का भी 500 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान सरकार पर बकाया है।
  • निजी अस्पतालों ने ऐलान किया है कि अगर 3 फरवरी 2025 तक उन्हें भुगतान नहीं किया गया, तो वे इस योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद कर देंगे।
  • यह कदम गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री से मुलाकात का नतीजा 📋

ठेकेदार एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक जैन और अन्य प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर फौरन भुगतान जारी करने की मांग की।

समस्याबकाया राशि (करोड़ रुपये)
पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों का बकाया500
निजी अस्पतालों का बकाया500

मुख्यमंत्री ने ठेकेदारों और अस्पतालों की समस्याओं पर जल्द समाधान का आश्वासन दिया है। हालांकि, ठेकेदारों का कहना है कि अगर 31 जनवरी तक भुगतान नहीं हुआ, तो वे काम ठप कर देंगे।


प्रभावित हो सकती हैं बड़ी परियोजनाएं 🛑

अगर ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया, तो राज्य में कई बड़ी परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है।

  • सड़क निर्माण और भवन निर्माण के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रुक सकते हैं।
  • इससे सरकार को आर्थिक और राजनीतिक दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
  • निजी अस्पतालों की हड़ताल से गरीब मरीजों को इलाज में कठिनाइयां हो सकती हैं।

आयुष्मान भारत योजना का संकट ⚕️

आयुष्मान भारत योजना गरीब मरीजों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी।

  • अगर अस्पताल इस योजना के तहत इलाज बंद कर देते हैं, तो लाखों मरीजों को स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित होना पड़ेगा।
  • सरकार को तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करना होगा, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं बाधित न हों।

हरियाणा सरकार पर बढ़ा दबाव ⚡

पीडब्ल्यूडी ठेकेदारों और निजी अस्पतालों दोनों की चेतावनी के चलते सरकार पर भारी दबाव है।

  • ठेकेदारों और अस्पतालों की मांगें पूरी न होने पर राज्य में विकास कार्य और स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा असर पड़ सकता है।
  • सरकार को समय रहते ठोस कदम उठाने होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button