हरियाणा सरकार ने 2025 के सार्वजनिक अवकाशों की सूची जारी की

Haryana Darshan: हरियाणा सरकार ने वर्ष 2025 के लिए अपने कार्यालयों के सार्वजनिक और प्रतिबंधित अवकाशों की सूची अधिसूचित कर दी है। इस अधिसूचना में राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण छुट्टियां और विशेष दिवस घोषित किए गए हैं। यह बदलाव हरियाणा राज्य में कार्यरत कर्मचारियों को अवकाश की योजना बनाने में मदद करेगा।

📅 सार्वजनिक अवकाश की सूची
हरियाणा सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना में 2025 के दौरान विभिन्न दिनों को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया है। इनमें शनिवार और रविवार को सरकारी कार्यालयों में अवकाश रहेगा, इसके साथ-साथ राज्य में विभिन्न प्रमुख त्योहारों और विभूतियों के जन्मदिनों को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है।
तारीख | अवकाश का नाम |
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06 जनवरी | श्री गुरु गोबिंद सिंह जयंती |
12 फरवरी | गुरु रविदास जयंती |
26 फरवरी | महाशिवरात्रि |
14 मार्च | होली |
31 मार्च | ईद-उल-फितर |
10 अप्रैल | महावीर जयंती |
14 अप्रैल | डॉ. बी आर अंबेडकर जयंती |
15 अगस्त | स्वतंत्रता दिवस |
02 अक्टूबर | महात्मा गांधी जयंती/दशहरा |
20 अक्टूबर | दिवाली |
25 दिसंबर | क्रिसमस |
📅 विशेष दिवस की सूची
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने कुछ विशेष दिनों को भी महत्वपूर्ण घोषित किया है, हालांकि इन दिनों को सार्वजनिक अवकाश के रूप में नामित नहीं किया गया है। ये दिन हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर और इतिहास से जुड़े हैं और राज्यवासियों के लिए गौरव का विषय हैं।
तारीख | विशेष दिवस का नाम |
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23 जनवरी | नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती |
12 मार्च | संत लड्डू नाथ जी जयंती |
27 अप्रैल | संत धन्ना भगत जयंती |
23 मई | श्री गुरु गौरक्ष नाथ स्मृति दिवस |
31 अक्टूबर | सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती |
📝 प्रमुख अवकाश के दिन
सरकार ने 2025 में कुछ प्रमुख अवकाशों को विशेष ध्यान में रखा है, जैसे कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस, 06 अप्रैल को रामनवमी, और 07 जून को बकरीद। हालांकि, कुछ त्योहारों को सार्वजनिक अवकाश की सूची में शामिल नहीं किया गया है।
इनमें से कई दिनों को राज्य सरकार ने वैकल्पिक अवकाश के रूप में भी अधिसूचित किया है, जैसे कि 23 फरवरी को महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती, 18 अप्रैल को गुड फ्राईडे और 12 मई को बुध पूर्णिमा।
🌍 राज्य सरकार की योजना
यह अधिसूचना हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनके कार्य कार्यक्रम को सरल और सुविधाजनक बनाने में मदद करेगी। राज्य सरकार ने यह कदम कर्मचारियों के कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाने और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान करने के लिए उठाया है।