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हरियाणा में दो दिन की बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद, सरकार ने मांगी रिपोर्ट 🌧️

  • दो दिन की बारिश और ओलावृष्टि से हरियाणा में फसलों को भारी नुकसान
  • मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सभी डिप्टी कमिश्नरों को नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया
  • बीमा वाले किसानों को कंपनी से क्लेम मिलेगा, बिना बीमा वाले किसानों को सरकार से मुआवजा

किसानों के लिए राहत की घोषणा 🌾

हरियाणा में हाल ही में दो दिन की भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने शनिवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद सभी डिप्टी कमिश्नरों को इस नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। जिन किसानों का फसल बीमा है, उन्हें बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया जाएगा। जिन किसानों का बीमा नहीं है, उन्हें सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाएगा।

क्षेत्रवार नुकसान का ब्यौरा 📊

क्षेत्रफसल का प्रकारप्रभावित गांवनुकसान की स्थिति
हिसारसब्जी, सरसों, चना50पूरी तरह बर्बाद
फतेहाबादसब्जी, सरसों, चना13भारी नुकसान
रेवाड़ीविभिन्न फसलेंकईमध्यम से भारी नुकसान
कैथलविभिन्न फसलेंकईमध्यम से भारी नुकसान
महेंद्रगढ़विभिन्न फसलेंकईमध्यम से भारी नुकसान

ओलावृष्टि से बर्बादी की घटनाएं 🥶

शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि से हिसार और फतेहाबाद के 63 गांवों में सब्जी, सरसों और चने की फसलें बर्बाद हो गईं। इसके अलावा रेवाड़ी, कैथल और महेंद्रगढ़ में भी कई जगह ओले गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा है।

लगातार बारिश से हालात और बिगड़े 🌦️

शनिवार को भी पानीपत, करनाल, सोनीपत, नूंह और कुरुक्षेत्र में रुक-रुक कर बारिश हुई। फतेहाबाद, सिरसा और महेंद्रगढ़ समेत कई जगहों पर बादल छाए रहे और शीतलहर का प्रकोप जारी रहा।

मौसम विभाग की चेतावनी ⚠️

मौसम विभाग ने करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर में हल्की से मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया है। यहां ओलावृष्टि की भी संभावना जताई गई है।

हिसार में टूटा 35 साल का रिकॉर्ड 📅

हिसार में दिसंबर माह में बारिश का 35 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है। जिले में 24 घंटे में 12 से 13 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, 2017 में दिसंबर माह में 8 एमएम बारिश दर्ज की गई थी। वर्ष 1989 में 10 दिसंबर को 24 घंटे में 100 एमएम बारिश दर्ज की गई थी।

किसानों की प्रतिक्रिया 👩‍🌾

हिसार के किसान रामपाल ने बताया, “ओलावृष्टि से हमारी सरसों और चने की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। हम सरकार से मुआवजे की उम्मीद कर रहे हैं।” फतेहाबाद के आलू उत्पादकों ने खेत से पानी बाहर निकालने के लिए क्यारियां बनाईं, लेकिन फिर भी नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

सरकार की सहायता योजना 💼

सरकार ने किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। जिन किसानों का बीमा है, उन्हें बीमा कंपनी से क्लेम दिलाया जाएगा। जिनका बीमा नहीं है, उन्हें सरकार की तरफ से मुआवजा मिलेगा। सरकार ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को जल्द से जल्द नुकसान की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

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