हरियाणा में ठंडी हवाओं का कहर: 28 जनवरी तक शुष्क रहेगा मौसम
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग ने राज्य में अगले कुछ दिनों के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, हरियाणा में 28 जनवरी 2025 तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान ठंडी उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते रात्रि तापमान में गिरावट हो सकती है।
मौसम का पूर्वानुमान: ठंडी हवाओं और धुंध का असर 🌬️
मौसम विभाग के अनुसार, हल्की गति से चलने वाली उत्तरी ठंडी हवाएं हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में ठंड बढ़ाएंगी। इसके साथ ही, अलसुबह और देर रात धुंध छाने की संभावना भी जताई गई है।
तारीख | मौसम स्थिति | विशेष प्रभाव |
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23-28 जनवरी 2025 | शुष्क और ठंडी हवाएं | रात्रि तापमान में गिरावट |
अलसुबह/रात | धुंध छाने की संभावना | दृश्यता में कमी |
किसानों के लिए सलाह 🧑🌾
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए खास सलाह जारी की है। ठंडे मौसम और शुष्क हवाओं को देखते हुए किसानों को यह उपाय अपनाने चाहिए:
- गेहूं और सरसों की फसलों की सिंचाई करें, ताकि ठंडी हवाओं से फसलों की नमी बनी रहे।
- सब्जियों और फलदार पौधों की ठंड से सुरक्षा के लिए रात में पॉलिथीन शीट का इस्तेमाल करें।
- पशुओं को ठंड से बचाने के लिए रात के समय गर्म स्थान पर रखें।
रात्रि तापमान में गिरावट की संभावना 🌡️
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि ठंडी हवाओं के कारण तापमान गिरकर सामान्य से नीचे जा सकता है। राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 4°C से 6°C के बीच रह सकता है। इस गिरावट का असर खासकर सुबह के समय महसूस किया जाएगा।
धुंध से यातायात पर असर 🚗
धुंध छाने की संभावना को देखते हुए, वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। दृश्यता कम होने के कारण सड़कों पर धीमी गति से वाहन चलाना और फॉग लाइट का उपयोग करना अनिवार्य है।
धुंध के कारण संभावित समस्या | सुझाव |
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दृश्यता में कमी | फॉग लाइट का इस्तेमाल करें |
सड़क दुर्घटनाओं का खतरा | गति सीमा कम रखें |
हरियाणा के विभिन्न जिलों में प्रभाव 🗺️
हरियाणा के उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी जिलों—हिसार, भिवानी, रोहतक, अंबाला और यमुनानगर—में सबसे अधिक ठंड का असर देखने को मिलेगा। यहां रात्रि तापमान में गिरावट के साथ सुबह के समय घनी धुंध की संभावना है।
हरियाणा में शुष्क मौसम का क्या अर्थ है? 🌾
शुष्क मौसम फसलों की सिंचाई की मांग बढ़ा सकता है। इसलिए, किसानों को फसलों की नियमित देखभाल करनी होगी। इसके अलावा, ठंड बढ़ने से पशुओं और मनुष्यों को भी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञ की राय 👨🔬
कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ ने कहा कि यह ठंड का दौर आमतौर पर फसलों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन अगर नमी की कमी हो जाए, तो यह फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने किसानों को नियमित अंतराल पर सिंचाई करने और मौसम के बदलते मिजाज पर ध्यान देने की सलाह दी।