लोन लेने वालों के लिए अलर्ट! RBI का नया नियम अब कई लोन लेने पर रखेगा सख्त निगरानी

लोन लेने वालों के लिए अलर्ट! RBI का नया नियम अब कई लोन लेने पर रखेगा सख्त निगरानी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने क्रेडिट रिपोर्टिंग नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे बार-बार ऋण लेने वाले लोगों पर प्रभाव पड़ेगा। इस बदलाव का उद्देश्य अधिक पारदर्शिता लाना और अत्यधिक उधारी से जुड़े वित्तीय जोखिमों को रोकना है।

RBI का नया ऋण नियम: क्या बदला? 🔄
अब तक, बैंक और वित्तीय संस्थाएं उधारकर्ताओं के क्रेडिट रिकॉर्ड को महीने में एक बार अपडेट करती थीं। लेकिन नए दिशानिर्देशों के तहत, उन्हें अब 15 दिनों के भीतर क्रेडिट ब्यूरो को अपडेट करना होगा, जो पहले 30 दिनों का समय था। यह तेज़ अपडेट चक्र उधारकर्ताओं की वित्तीय स्थिति का सटीक आकलन करने और बेहतर ऋण निर्णय लेने में मदद करेगा।
पुराना नियम | नया नियम |
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क्रेडिट रिकॉर्ड 30 दिनों में अपडेट होता था | क्रेडिट रिकॉर्ड 15 दिनों में अपडेट होगा |
जोखिम मूल्यांकन में देरी की संभावना | अधिक सटीक और समय पर जोखिम मूल्यांकन |
उधारकर्ता कई ऋण ले सकते थे, क्योंकि अपडेट में देरी होती थी | अत्यधिक उधारी की संभावना कम होगी |
उधारकर्ताओं पर प्रभाव 📈
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि मासिक EMI अलग-अलग तिथियों पर चुकाई जाती है, और पहले क्रेडिट रिकॉर्ड अपडेट में 40 दिनों तक की देरी हो सकती थी। नए अपडेट चक्र के साथ, कई ऋण लेने वाले उधारकर्ताओं का क्रेडिट इतिहास तेजी से अपडेट होगा, जिससे यदि वे समय पर भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो नए ऋण प्राप्त करने की संभावना कम हो जाएगी।
ऋण डिफॉल्ट पर कड़ी निगरानी 🔒
अब ऋणदाताओं को उधारकर्ताओं के भुगतान इतिहास की वास्तविक समय की जानकारी मिलेगी, जिससे वे ऋण डिफॉल्ट के जोखिम का बेहतर मूल्यांकन कर सकेंगे। इससे बैंक और वित्तीय संस्थानों को बेहतर ऋण निर्णय लेने और खराब ऋणों को कम करने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियम उधारकर्ताओं द्वारा वित्तीय खामियों का गलत फायदा उठाने को भी रोकेगा, क्योंकि अब वे कई ऋण नहीं ले सकेंगे जब तक कि उनकी वर्तमान उधारी का रिकॉर्ड पूरी तरह से अपडेट न हो जाए।
एवर्ग्रीनिंग (Evergreening) पर लगेगी रोक 📉
इस बदलाव का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य ‘एवर्ग्रीनिंग’ को रोकना है—यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें उधारकर्ता एक नया ऋण लेकर पुराने ऋण का भुगतान करते हैं। चूंकि उनका वास्तविक कर्ज तुरंत क्रेडिट रिपोर्ट में नहीं दिखता था, वे बिना पुराना ऋण चुकाए नए ऋण लेते रहते थे। नए नियम से ऋण लेने वालों को बिना उचित पुनर्भुगतान इतिहास के नया ऋण लेना कठिन होगा।
RBI के दिशानिर्देश और कार्यान्वयन समयसीमा ⏳
RBI ने अगस्त 2023 में यह निर्देश जारी किया था और वित्तीय संस्थानों और क्रेडिट ब्यूरो को 1 जनवरी 2024 तक अपनी प्रणालियों को अपडेट करने के लिए समय दिया था। नया नियम लागू होने के साथ, उधारकर्ताओं को अब कई ऋण लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि बार-बार क्रेडिट इतिहास अपडेट होने से उनकी ऋण लेने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।
मुख्य बातें:
- अब ऋण रिकॉर्ड महीने में दो बार अपडेट होगा।
- बकाया EMI वाले उधारकर्ताओं के लिए नए ऋण प्राप्त करना कठिन होगा।
- वित्तीय संस्थान डिफॉल्ट को तेज़ी से ट्रैक कर पाएंगे।
- एवर्ग्रीनिंग और अत्यधिक कर्ज accumulation पर रोक लगेगी।
ऋण लेने वालों को कैसे सुरक्षित रहना चाहिए? 💎
इन नए बदलावों के साथ, उधारकर्ताओं को अपनी वित्तीय स्थिति को बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए:
✅ EMI भुगतान की योजना बनाएं ताकि क्रेडिट स्कोर न गिरे।
✅ एक साथ कई ऋण लेने से बचें, क्योंकि तेज़ अपडेट ऋण पात्रता को प्रभावित कर सकता है।
✅ नियमित रूप से क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करें ताकि उसमें कोई गलती न हो।
✅ ऋण प्रबंधन के लिए वित्तीय योजनाओं और टूल्स का उपयोग करें।