छह महीने से वेतन से वंचित 2000 शिक्षक, सीएम से लगाई गुहार
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में तैनात 2000 शिक्षक पिछले छह महीने से वेतन से वंचित हैं। ये शिक्षक हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से नियुक्त हुए हैं। वेतन में इस देरी को लेकर शिक्षकों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिखते हुए अपनी समस्याएं साझा की हैं।
शिक्षकों ने बजट जारी करने और अनुबंध बढ़ाने की मांग की है। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने शिक्षा विभाग को इस मामले पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
शिक्षकों की समस्याएं और मांगें 📢
शिक्षकों द्वारा लिखे गए पत्र में इन मुद्दों को उजागर किया गया है:
- छह महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है।
- अनुबंध की अवधि बढ़ाई जाए।
- बजट की कमी को तुरंत दूर किया जाए।
शिक्षकों का कहना है कि वेतन न मिलने के कारण वे वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। यह समस्या न केवल उनके परिवार को प्रभावित कर रही है, बल्कि उनकी कार्यक्षमता पर भी नकारात्मक असर डाल रही है।
CMO के निर्देशों के बाद बढ़ी उम्मीदें 🌟
मुख्यमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद, मौलिक शिक्षा विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की है। महानिदेशक (डीजी) ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (DEEO) को निर्देश दिए हैं:
- PTI (शारीरिक शिक्षा सहायक) और कला अध्यापकों की बजट मांग और अनुबंध तुरंत बढ़ाया जाए।
- शिक्षकों के वेतन में देरी पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
शिक्षा निदेशालय ने मांगी जानकारी 📋
मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से संबंधित जानकारी 2 दिनों के भीतर मांगी है। इसमें शामिल हैं:
- जिला का नाम।
- शिक्षक का नाम और पद।
- स्कूल कोड।
- वेतन न मिलने का कारण।
- संबंधित अधिकारी की टिप्पणी।
इस जानकारी के आधार पर निदेशालय जल्द ही शिक्षकों के वेतन से संबंधित समस्या का समाधान करने का प्रयास करेगा।