हरियाणा में तापमान बढ़ने से किसानों की बढ़ी चिंता, गेहूं की फसल पर असर का खतरा
हरियाणा में ठंड से कुछ राहत मिल चुकी है, लेकिन तापमान में हो रही बढ़ोतरी किसानों के लिए चिंता का विषय बन रही है। पिछले कुछ दिनों से दिन के समय खिल रही धूप के कारण गर्मी महसूस हो रही है। जींद जिले में भी तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है।
तापमान में बढ़ोतरी का असर 🌡️
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को जींद का अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री तक रहने की संभावना है। यह सामान्य से अधिक है।
- गेहूं की फसल पर असर: कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि जनवरी और फरवरी के दौरान ठंड गेहूं की फसल के लिए बहुत जरूरी होती है।
- फसल पकने की समस्या: अधिक तापमान के कारण फसल समय से पहले पक सकती है, जिससे दाने कमजोर रहेंगे और उत्पादन घटेगा।
तापमान स्थिति | तापमान (डिग्री सेल्सियस) |
---|---|
अधिकतम | 18 |
न्यूनतम | 8 |
गेहूं की फसल के लिए ठंड क्यों जरूरी है? ❄️
कृषि विशेषज्ञ यशपाल मलिक का कहना है कि 4-5 दिन तक तापमान सामान्य से अधिक रहने पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर यह स्थिति 10-15 दिनों तक बनी रहती है, तो गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है।
- ठंड से गेहूं का दाना मजबूत बनता है।
- अधिक तापमान से फसल जल्दी पकने लगती है।
- कमजोर दाने उत्पादन में कमी का कारण बन सकते हैं।
किसानों के लिए सलाह 💡
कृषि विशेषज्ञ और जिला कृषि उप निदेशक डॉ. गिरिश नागपाल ने किसानों को सलाह दी है:
- जरूरत के अनुसार सिंचाई करें: फसल में ज्यादा पानी न डालें।
- यूरिया का संतुलित प्रयोग करें: अधिक यूरिया डालने से फसल में तेला और चेपा की समस्या बढ़ सकती है।
- फसल पर नजर रखें: रोग और कीटों से बचाव के लिए नियमित निरीक्षण करें।
किसानों के लिए टिप्स | लाभ |
---|---|
संतुलित सिंचाई | पानी की कमी या अधिकता से बचाव। |
यूरिया का नियंत्रित उपयोग | कीटों और बीमारियों से बचाव। |
फसल का नियमित निरीक्षण | समय पर समस्या का समाधान। |
29 जनवरी को हल्की बारिश की संभावना ☔
मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश ने बताया कि 29 जनवरी को जींद और आसपास के क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की संभावना है। अगर बारिश होती है, तो यह बढ़ते तापमान के प्रभाव को कम कर सकती है।
- बारिश के फायदे:
- मिट्टी की नमी बनी रहेगी।
- फसल की बढ़त में मदद मिलेगी।
- बारिश न होने पर चिंता: बढ़ता तापमान फसल के अनुकूल नहीं रहेगा।
यूरिया का अधिक प्रयोग क्यों नुकसानदायक है? 🧪
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की फसल में जरूरत से ज्यादा यूरिया डालने से मार्च में तेला और चेपा जैसे कीट लग सकते हैं, जो फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
- तेला और चेपा: यह कीट फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित करते हैं।
- संतुलित प्रयोग करें: फसल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केवल जरूरत के अनुसार ही उर्वरकों का प्रयोग करें।
फसल बचाने के लिए किसानों को क्या करना चाहिए? 🌾
- मौसम की जानकारी पर नजर रखें।
- समय-समय पर कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें।
- जरूरत के मुताबिक फसल की देखभाल करें।
- फसल की समय पर सिंचाई और उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करें।