हरियाणा में कॉलोनियों को बड़ी राहत, हरियाणा में बदला गया 50 साल पुराना नियम

हरियाणा सरकार ने शहरी और कस्बाई क्षेत्रों के निवासियों को बड़ी राहत दी है। अब पहले से बसी कॉलोनियों को समापन प्रमाणपत्र (Completion Certificate) लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस निर्णय से लाखों लोगों को फायदा होगा, खासकर उन्हें जो पहले आंशिक समापन प्रमाणपत्र (Partial Completion Certificate) प्राप्त कर चुके हैं।
सरकार ने 50 साल पुराने हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम, 1975 में संशोधन करते हुए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विधि और विधायी विभाग ने इस संबंध में सोमवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
🏢 क्या है संशोधन की जरूरत?
हरियाणा सरकार का यह निर्णय शहरी क्षेत्रों में भूमि उपयोग, भवन निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है।
पुराना नियम | संशोधित नियम |
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सभी कॉलोनियों को समापन प्रमाणपत्र लेना आवश्यक था। | आंशिक समापन प्रमाणपत्र वाले कॉलोनियों को छूट। |
प्रक्रिया में काफी समय लगता था। | प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया गया। |
सरकार ने यह बदलाव इसलिए किया ताकि पहले से बसी परियोजनाओं को समय पर पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किया जा सके।
🏠 किसे मिलेगा फायदा?
यह राहत उन कॉलोनियों के लिए है:
- जिनके सभी बिल्डिंग ब्लॉक्स के लिए ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (Occupation Certificate) जारी किया जा चुका है।
- जिन्हें पहले से आंशिक समापन प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है।
ऐसी कॉलोनियों को अब नए सिरे से समापन प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
📄 प्रक्रिया को सरल बनाने का उद्देश्य
हरियाणा सरकार ने इस बदलाव के जरिए न केवल निवासियों की समस्याएं हल की हैं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया है। पहले जहां पूरी कॉलोनी के लिए समापन प्रमाणपत्र लेना जरूरी था, अब यह आवश्यकता समाप्त हो गई है।
📚 विधेयक का उद्देश्य
हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम-1975 में यह संशोधन इसलिए किया गया है ताकि:
- कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाओं का बेहतर प्रबंधन किया जा सके।
- निर्माण और विकास प्रक्रियाओं को तेज किया जा सके।
- आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए स्वीकृति प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।
📋 आधिकारिक नोटिफिकेशन की जानकारी
विधि और विधायी विभाग ने इस संशोधन से जुड़ी अधिसूचना 22 जनवरी 2025 को जारी की। यह कदम शहरी क्षेत्रों में पारदर्शिता और कुशलता लाने के प्रयासों का हिस्सा है।
👇 क्या कहती है सरकार?
सरकार का मानना है कि यह निर्णय नागरिकों के लिए राहतकारी साबित होगा और उन्हें अनावश्यक प्रक्रियाओं से छुटकारा मिलेगा। साथ ही, शहरी विकास परियोजनाओं को भी गति मिलेगी।