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भारत से नेपाल को गेहूं निर्यात: किसानों के लिए राहत की खबर

भारत से नेपाल को 2 लाख टन गेहूं के निर्यात की मंजूरी मिल गई है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। यह निर्यात उस समय हो रहा है जब भारत ने घरेलू आपूर्ति को बनाए रखने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। हालांकि, नेपाल जैसी कुछ विशेष देशों के लिए निर्यात की अनुमति दी गई है, ताकि उनकी खाद्य सुरक्षा की जरूरतों को पूरा किया जा सके।

1. गेहूं निर्यात को मिली मंजूरी 📜

विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शनिवार को एक सर्कुलर जारी करते हुए नेपाल को 2 लाख टन गेहूं के निर्यात की मंजूरी दी। यह निर्यात नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से किया जाएगा। सरकार ने यह निर्णय नेपाल के खाद्य सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए लिया है, क्योंकि नेपाल की खाद्य सुरक्षा आपूर्ति में गेहूं की कमी हो सकती थी।

2. निर्यात पर लगा है प्रतिबंध ❌

भारत में गेहूं की घरेलू आपूर्ति को बनाए रखने के लिए मई 2022 में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसका कारण खराब मौसम की वजह से गेहूं के उत्पादन में कमी आना था। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है, लेकिन वैश्विक गेहूं व्यापार में इसका हिस्सा 1% से भी कम है। इसके बावजूद, सरकार कुछ देशों के लिए निर्यात की अनुमति देती है जो खाद्य सुरक्षा के लिए गेहूं की मांग करते हैं।

3. किसानों को मिलेगा फायदा 🌱

इस निर्णय से भारतीय किसानों को फायदा होगा, क्योंकि उन्हें अतिरिक्त निर्यात के रूप में एक नया बाजार मिलेगा। इससे गेहूं के मूल्य में स्थिरता आ सकती है और किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर कीमत मिल सकती है। साथ ही, इससे देश में गेहूं के भंडारण में भी सुधार होगा, जिससे आगामी सालों में संभावित कमी को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

4. MEP का असर सस्ते कपड़ों पर 🧥

इसके अलावा, DGFT ने एक और सर्कुलर जारी किया, जिसमें सिंथेटिक निटेड फैब्रिक्स के लिए न्यूनतम आयात शर्त (MIP) को छूट देने की घोषणा की है। इसके तहत, सिंथेटिक बुने हुए कपड़ों पर 3.5 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम MEP लागू किया गया है। यह कदम सस्ते कपड़ों की आवक को कम करने के लिए उठाया गया है, ताकि घरेलू बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा बनी रहे।

5. वैश्विक आपूर्ति पर असर 🌍

भारत के गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध से वैश्विक गेहूं आपूर्ति पर असर पड़ा है। हालांकि, भारत का वैश्विक गेहूं व्यापार में हिस्सा कम है, फिर भी यह निर्णय वैश्विक बाजारों के लिए महत्वपूर्ण है। भारत द्वारा गेहूं निर्यात करने वाले देशों के लिए इस स्थिति का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना होगा।

6. नेपाल के लिए निर्यात: एक विशेष कदम 🇳🇵

नेपाल की खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से, यह निर्यात विशेष महत्व रखता है। नेपाल में गेहूं की मांग और आपूर्ति के अंतर को देखते हुए भारत का यह कदम उनके लिए एक बड़ी राहत है। नेपाल के लिए गेहूं का निर्यात न केवल खाद्य सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि भारत और नेपाल के बीच आर्थिक रिश्तों को भी और प्रगाढ़ करेगा।

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