हरियाणा में सरकारी सेवाओं में सुधार: राजनीतिक प्रभाव पर सख्ती
Haryana Darshan: हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई भी वरिष्ठ अधिकारी या कर्मचारी अपनी सेवा से जुड़े मामलों में राजनीतिक प्रभाव डालता है, तो उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है। यह आदेश स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग का आदेश 🚑
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर ने सभी जिलों के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में बताया गया है कि अधिकारी या कर्मचारी अक्सर अपने हितों को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक प्रभाव डालने की कोशिश करते हैं, जो हरियाणा सिविल सेवा नियम 2016 के नियम 26 का उल्लंघन है।
अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी 🚫
पत्र में स्पष्ट किया गया है कि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इन नियमों का पालन करना चाहिए। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार का यह कदम सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
आदेश का उद्देश्य 🔍
हालांकि, इस पत्र के पीछे का वास्तविक उद्देश्य अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। फिलहाल इसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा डाले जा रहे राजनीतिक दबाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप 📜
स्वास्थ्य विभाग के इस आदेश के बाद, विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। हरियाणा की हेल्थ मिनिस्टर केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव हैं। इससे पहले, डॉ. कमल गुप्ता और अनिल विज ने यह मंत्रालय संभाला था।
सरकारी सेवा में सुधार 💼
यह कदम हरियाणा सरकार के सरकारी सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे, ताकि किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव या प्रभाव से बचा जा सके।