Haryana सरकार का गौवंश कल्याण के लिए बड़ा ऐलान 🐄 गौशाला चारा सब्सिडी 5 गुना बढ़ाई गई
Haryana Darshan: हरियाणा में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने गौवंश के कल्याण के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और इस दिशा में कई नए ऐलान कर रहे हैं। हाल ही में, हरियाणा सरकार ने गौशालाओं के विकास और गौवंश के कल्याण के लिए बजट में वृद्धि की है।
गौशाला चारा सब्सिडी में बढ़ोतरी 🌾
हरियाणा सरकार ने गौवंश देखभाल के लिए दिए जाने वाले गौशाला चारे की सब्सिडी में 5 गुना बढ़ोतरी की है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, अब प्रति गाय प्रति दिन 20 रुपये, नंदी को प्रति दिन 25 रुपये और बछड़े/बछड़ी को प्रति दिन 10 रुपये चारा सब्सिडी के तौर पर मिलेंगे। इसके लिए 211 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।
सरकारी फैसले का उद्देश्य 🎯
प्रवक्ता ने बताया कि इस कदम का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना है ताकि गौवंश को सड़कों पर छोड़ने की बजाय नजदीकी गौशालाओं तक पहुंचाया जाए। यह पहल न केवल गौवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि सड़कों पर दुर्घटनाओं की संख्या को भी कम करेगी।
गौवंश कल्याण के लिए अन्य प्रयास 🚜
हरियाणा सरकार गौवंश के कल्याण के लिए अन्य भी कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इनमें गौशालाओं की संरचना और सुविधाओं को बेहतर बनाना, पशु चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करना और गौशाला संचालकों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करना शामिल है।
बजट विवरण 📊
गौवंश के कल्याण के लिए सरकार द्वारा आवंटित बजट की विस्तृत जानकारी निम्नलिखित तालिका में दी गई है:
गौवंश की श्रेणी | प्रति दिन चारा सब्सिडी | कुल बजट |
---|---|---|
गाय | 20 रुपये | 211 करोड़ रुपये |
नंदी | 25 रुपये | 211 करोड़ रुपये |
बछड़ा/बछड़ी | 10 रुपये | 211 करोड़ रुपये |
गौवंश कल्याण के लिए जागरूकता अभियान 📢
हरियाणा सरकार लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी विशेष अभियान चला रही है। इन अभियानों के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि गौवंश को सड़कों पर छोड़ने की बजाय नजदीकी गौशालाओं तक कैसे पहुंचाया जा सकता है। साथ ही, सरकार गौशाला संचालकों को भी आवश्यक सहयोग प्रदान कर रही है ताकि वे गौवंश की देखभाल को सही ढंग से कर सकें।
गौशालाओं का विकास 🏡
गौशालाओं के विकास के लिए हरियाणा सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें गौशालाओं की संरचना को मजबूत करना, उन्हें आवश्यक सुविधाओं से लैस करना और गौशाला संचालकों को प्रशिक्षण देना शामिल है। इस पहल से गौवंश की देखभाल और संरक्षण में मदद मिलेगी और गौशालाओं की स्थिति में सुधार होगा।